अचानकमार टाईगर रिजर्व में बाघिन की मौत.. बाघों के आपसी संघर्ष में मादा बाघ की मौत…

One bharat national

लोरमी। अचानकमार टाईगर रिजर्व के कक्ष क्रमांक 339 में एक मादा बाघ (बाघिन) मृत पाई गई। पैदल गार्ड टीम द्वारा सूचना मिलने के बाद उप संचालक और संबंधित वन अधिकारियों की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में मादा बाघ की मौत बाघों के आपसी संघर्ष के कारण होना प्रतीत हुआ।

24 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एसओपी का पालन करते हुए वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. पी.के. चंदन और मुंगेली जिले के सरकारी पैनल पशु चिकित्सकों द्वारा बाघिन का पोस्टमार्टम किया गया। इस प्रक्रिया में एनटीसीए प्रतिनिधि, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधि, और अचानकमार टाईगर रिजर्व के अधिकारी उपस्थित रहे।

पोस्टमार्टम के दौरान बाघिन की गर्दन पर दांत के गहरे निशान, श्वासनली के फटने, फेफड़ों के सिकुड़ने और शरीर पर खरोंच के निशान पाए गए। पैनल की रिपोर्ट के अनुसार बाघिन की मौत दो बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष के कारण हुई।

विशेषज्ञों के अनुसार बाघों के बीच संघर्ष उनकी प्राकृतिक प्रवृत्ति का हिस्सा है। नर बाघ अपने क्षेत्र (टेरिटरी) की सुरक्षा और मादा बाघिन के लिए आपस में भिड़ते हैं। आमतौर पर बाघों की टेरिटरी 20 से 100 वर्ग किलोमीटर तक होती है। जब एक बाघ दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो यह टकराव का कारण बनता है।

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