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बिलासपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समाप्त होते ही ग्राम पंचायत के सचिवों ने अपने मांग को लेकर हड़ताल पर बैठ गये है। वे सोमवार 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करने के पश्चात 18 मार्च से ब्लाक मुख्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं, और आज दुसरे दिन भी भारी संख्या में जनपद पंचायत मस्तूरी के प्रांगण में शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना रोष व्याप्त कर रहे हैं। इस दौरान सचिवों ने बताया कि राज्य सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने का वादा किया था लेकिन अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।मस्तूरी ब्लाक सचिव संघ के अध्यक्ष सतीश टंडन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में संघ के द्वारा वे लोग मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले 1995 से कार्यरत सचिवों को शासकीयकरण की गारंटी दी गई थी।सचिवों का कहना है कि इस मांग को लेकर पहले भी कई बार आंदोलन और हड़ताल हो चुकी हैं, मगर हर बार सरकार की तरफ से केवल आश्वासन मिला। समस्या जस का तस बना हुआ है। प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष श्याम कार्तिक जायसवाल ने कहा कि जब तक सरकार उनकी संघ के मांगों को पूरा नहीं करते हैं तब तक यह हड़ताल अनिश्चितकालीन तक चलता ही रहेगा। संघ के प्रदेश महासचिव थानेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी की गारंटी में शामिल करने के बाद भी पंचायत सचिव को शासकीय करण नहीं किया जा रहा है लगातार सिर्फ झूठे वादे और शासकीय करण करने का प्रलोभन बस दिया जा रहा है, जबकि संघ के द्वारा शासन को लगातार ज्ञापन आंदोलन व धरना दिया जा चुका है। धरने में मस्तूरी जनपद पंचायत के समस्त ग्राम पंचायत के सचिवों की उपस्थिति रही।