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बिलासपुर। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और मंगला के ग्रामीणों ने बरसते पानी में मंगला चौक से पाट बाबा रेत घाट तक पांच किलोमीटर पदयात्रा की। पदयात्रा के बाद विजय केशरवानी की अगुवाई में अवैध रेत घाट में उतरकर जल सत्याग्रह किया। इस दौरान विजय ने जिला प्रशासन को रेत माफिया पर अंकुश लगाने व जगह-जगह डंप किए गए रेत को जब्त करने की मांग की। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने ग्रामीणों व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भवन निर्माण सामग्रियों के दाम पहले से ही सरकार ने तय कर दिया है। रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन से अरपा नदी के कई घाटों में रेत का अवैध उत्खनन चल रहा है। रेत माफिया खुलेआम अरपा का सीना चीरकर रेत निकालकर बेच रहे है। सत्ताधारी दल के नेताओं और विधायकों का वरदहस्त होने के कारण खनिज विभाग के अधिकारी भी असहाय है। क्योंकि कार्रवाई करते ही नेताओं के फोन आने लगते है। विधायकों और माफियाओ का इतना आतंक है कि सब-कुछ जानने के बाद भी ग्रामीण शिकायत करने से डरते हैं। यही कारण है कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी की नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और मंगला के ग्रामीणों ने बरसते पानी में बाबा रेत घाट तक पदयात्रा की। पदयात्रा के बाद विजय केशरवानी की अगुवाई में अवैध रेत घाट में उतरकर जल सत्याग्रह किया। इस दौरान विजय ने जिला प्रशासन को रेत माफिया पर अंकुश लगाने व जगह-जगह डंप किए गए रेत को जब्त करने की मांग की। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने ग्रामीणों व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भवन निर्माण सामग्रियों के दाम पहले से ही सरकार ने तय कर दिया है। इसमें छड़, सीमेंट व ईंट के दाम प्रमुख है। अचरज की बात है कि राज्य सरकार और ज़िला प्रशाशन ने रेत के दाम तय नहीं किया है। इसी का फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं। बारिश के दिनों में रेत की जमाखोरी करके तीन गुना ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं। रेत घाटों पर प्रदेशभर में रेत की खोदाई पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी माफिया रेत की खोदाई कर रहे हैं। विजय ने कहा कि रेत माफियाओं पर जल्द अंकुश लगाया जाए व रेत की कीमत तय की जाए। कीमत भी ऐसी हो कि अपना आशियाना बनाने का सपना देख रहे आम आदमी के बजट के अनुरुप सहजता के साथ उपलब्ध हो जाए। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि इस पर अगर प्रभावी ढंग से अंकुश नहीं लगाया गया तो जिला कांग्रेस कमेटी सीधी कार्रवाई करेगी। हम माफियाओं के ठिकाने प्रशासन को बताएंगे जहां रेत डंप करके रखा गया है। इस दौरान विवाद या फिर अप्रिय स्थिति बनती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पर्यावरण संरक्षण मंडल के नियमों को धता बताते हुए रेत माफिया दबंगाई पर उतर आए हैं। बलरामपुर में माफिया के इशारे पर कांस्टेबल को ट्रैक्टर से रौंदकर हत्या कर दी गई। पिछले दिनों बिलासपुर जिले के एक रेत घाट में गोली चली थी। जिले में माफियाओं का आतंक ऐसा है कि लोग शिकायत करने से डरते हैं। रेत की कीमत सरकार के बजाय माफिया तय कर रहे हैं। 15 जून से रेत की खोदाई पर पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से प्रतिबंध लग जाता है। प्रतिबंध के बाद भी अब दिन के बजाय रात में अरपा सहित जिले की सभी नदियों में रात रातभर अवैध खोदाई चल रही है। खोदाई के साथ ही वाहनों के जरिए परिवहन भी हो रहा है। माफिया के इशारे पर जगह-जगह रेत डंप किया गया है। यही नहीं पहले कि तुलना में तीन गुना ज्यादा कीमत पर बेची जा रही है। सीधी सी बात नदियों में रेत की खोदाई के बाद ही जगह-जगह रेत डंप किया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष ने सवाल उठाया कि प्रतिबंध के बाद रेत कहां से आ रहा है। सीधी सी बात है कि रेत माफिया प्रतिबंध के बावजूद नदी से रेत निकाल रहे है या फिर अवैध। भंडारण करके रखे गए रेत को बेचकर मुनाफाखोरी की जा रही है।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कलेक्टर संजय अग्रवाल व राज्य शासन से मांग की है कि खनिज विभाग, जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा जब्त किए जा रहे रेत को जरुरतमंदों को रियायती दर पर उपलब करा दी जाए। इससे लोगों को कम दाम पर रेत मिल जाएगा और वे अपना रुका काम पूरा कर सकेंगे। इससे माफियाओं की मंशा भी धरी की धरी रह जाएगी।

इस जल सत्याग्रह में ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, भुनेश्वर यादव, स्वप्निल शुक्ला, झगर राम सूर्यवंशी, विनोद साहू, जावेद मेमन, अनिल यादव, संध्या तिवारी, शिल्पी तिवारी, भारत कश्यप, अंजू सोनी, सावित्री सोनी, लक्ष्मी गंवाई, पवन साहू, सुनील सोनकर, मोहन श्रीवास, पुष्पेन्द्र साहू, हिमांशु कश्यप, रूपनारायण बच्छ, सुजीत यादव, बबली ख़ान, अशोक तिवारी, नीरज सोनी, मनीष गढ़ेवाल, हितेश देवांगन, भागीरथी यादव, रामप्रकाश साहू, साखन दरवे, शिव शंकर केवट, उदल सूर्यवंशी कमल कश्यप, नीरज सोनी, मनीष सेंगर, किशोर अहीरवार, अंकित प्रजापति, सुरेंद्र तिवारी, मेहतराम सिंगरौल मदन पांडेय किशन पटेल संदीप यादव दिलीप पटेल, कमल बच्छ निलेश पटेल अमित सूर्यवंशी शेरसिंह कश्यप टिंकू वर्मा अशोक सूर्यवंशी टी आर लहरे ध्रुव साहू डॉ संजय साहू छोटकू साहू हरि वर्मा फ़िरंता साहू त्रिलोकि वर्मा प्रवेश पटवा सुमित साईं अजय काले, गौरव येरी सुरेश पटेल, किशोर पटेल नेहरू प्रधान रुद्र प्रताप सिंह, देवारी यादव, कुंवर सिंह, संतोष सूर्यवंशी, अनिल बंजारे आदि उपस्थित थे।