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मुंगेली। जिले की शासकीय प्राथमिक शाला बरदुली में गुरुवार को स्कूल की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, जिससे तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले दो छात्र — हिमांशु दिवाकर और आंशिक दिवाकर — गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद दोनों बच्चों को प्राथमिक उपचार के लिए दशरंगपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां एक बच्चे के सिर में तीन टांके लगे।

कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को लगाईं फटकार। शासन का निर्देश है कि जर्जर भवनों में किसी भी परिस्थिति में कक्षाओं का संचालन नहीं होना चाहिए। निर्देशों की अवहेलना कर कक्षाओं का संचालन किया जाना गंभीर लापरवाही है। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र बावरे, बी.आर.सी. सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुघ्न साहू और प्रधान पाठक अखिलेश शर्मा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी समग्र शिक्षा को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटना अब नहीं होनी चाहिए। इस दौरान कलेक्टर ने कक्षा में मौजूद बच्चों से बातचीत की। विद्यालय में शिक्षण सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। बच्चों से पहाड़ा पूछा और उनके साथ चॉकलेट, बिस्किट शेयर किया। जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों से जिले के कलेक्टर का नाम पूछा। बच्चों ने इसका सही जवाब दिया। उन्होंने भविष्य में उनसे मिलने की इच्छा जताई। इस पर कलेक्टर ने अपना परिचय बच्चों को दिया । बच्चों की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

छोटे बच्चों की जिंदगी पर खतरा
“चल जाबो पढ़े बर, जिनगी ल गढ़े बर” जैसे शिक्षा विभाग के नारे अब उल्टे पड़ते दिख रहे हैं। बच्चों के अभिभावक राजा दिवाकर और रमेश दिवाकर ने बताया कि हादसे के बाद से बच्चे डरे हुए हैं और स्कूल जाने से घबरा रहे हैं। बच्चों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, वे चुपचाप और सहमे हुए हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की मुलाकात
हादसे की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता रामचंद्र साहू, मकराल यादव और सरपंच प्रतिनिधि तुकाराम साहू पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने बच्चों का हालचाल जाना और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही बेहद चिंताजनक है और स्कूल भवन की स्थिति पहले ही सुधार ली जाती तो हादसा टल सकता था।

जर्जर भवन में हो रही थी पढ़ाई
घटना को लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि स्कूल भवन जर्जर स्थिति में था, फिर भी बच्चों को उसी में बैठाया जा रहा था। उन्होंने शिक्षा विभाग से मांग की है कि बच्चों के लिए सुरक्षित कक्षा कक्ष का निर्माण तत्काल कराया जाए।

शिक्षा विभाग की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी सी. के. घृतलहरे ने तत्काल बीईओ को घटनास्थल भेजा। जांच में सामने आया कि प्रधानपाठक अखिलेश शर्मा और शिक्षकों ने बताया कि छत के गिरने की कोई पूर्व चेतावनी नहीं थी। छत ठीक दिख रही थी, लेकिन अचानक प्लास्टर गिरने से हादसा हो गया। बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है और फिलहाल उनकी कक्षा आंगनबाड़ी केंद्र में संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।