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रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर में देर रात से बूंदाबांदी हो रही है, जबकि अन्य जिलों में तेजी से बारिश दर्ज की गई। मौसम में बदलाव से लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। पर एक तरफ जल जीवन अस्त-व्यस्त हो गए हैं
मौसम विभाग ने महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं सरगुजा, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और रायपुर सहित 19 जिलों में मध्यम से भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
रायपुर , बिलासपुर में सुबह से ही रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के चलते कई जगहों और सड़कों में पानी भर गया है। शहर के कई मार्गों पर जगह-जगह जलभराव के कारण वाहन चलाने में करते आ रही है वहीं निचले इलाकों के घरों और दुकानों में पानी घुसने की खबरें भी सामने आ रही हैं। नगर निगम की टीमें जल निकासी के इंतजाम में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने और बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। विभाग ने यह भी कहा है कि बारिश के दौरान खुले स्थानों पर खड़े होने से बचें और सुरक्षित जगह पर रहें।
बारिश के आंकड़ों की बात करें तो पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 60 मिमी बारिश मैनपुर में दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक औसतन 1078.8 मिमी वर्षा हो चुकी है। बेमेतरा में 495.1 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 51% कम है। वहीं बलरामपुर में 1473.7 मिमी वर्षा दर्ज हुई है, जो सामान्य से 53% अधिक है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण आपस में रगड़ खाने से विद्युत आवेश पैदा होता है। जब विपरीत चार्ज वाले बादल टकराते हैं तो बिजली बनती है। सामान्यतः यह बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी इतनी तीव्र हो जाती है कि धरती तक पहुंच जाती है और पेड़-पौधों, पानी या धातु के संपर्क में आने से जनहानि भी हो सकती है।