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बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा सोमवार को शुरू होते ही हंगामे का केंद्र बन गई। सड़क, पानी और बिजली जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ कई प्रस्ताव पास तो हुए, लेकिन राजनीतिक टकराव पूरे समय हावी रहा। GST में कटौती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार जताने का प्रस्ताव आते ही सदन गूंज उठा—सत्ता पक्ष ने “मोदी-मोदी” के नारे लगाए, तो विपक्ष ने “वोट चोर गद्दी छोड़ो” के नारे लगाकर विरोध जताया।

बैठक की शुरुआत से ही विवाद
सभा शुरू होने से पहले ही बीजेपी पार्षदों ने बैठक व्यवस्था पर आपत्ति जताई। पार्षद रीता कश्यप ने मेयर पूजा विधानी पर आरोप लगाया कि वे कांग्रेस पार्षदों के वार्डों को प्राथमिकता देती हैं। पार्षद पुष्पेंद्र साहू ने भी मेयर पर फोन नहीं उठाने की शिकायत की। इस पर मेयर पूजा विधानी ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ पार्षद अपने वार्ड में रहते ही नहीं, इसलिए उन्हें जमीनी हालात की जानकारी नहीं होती। उन्होंने कहा, “सिर्फ छह महीने हुए हैं, कोई जादू की छड़ी नहीं कि सब काम तुरंत हो जाए।”

लाल बहादुर शास्त्री स्कूल स्थित देवकीनंदन दीक्षित सभाभवन में बैठक शुरू ही हो रही थी कि बीजेपी पार्षद तिलक साहू ने सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर सवाल उठाए। इसी दौरान सत्ता पक्ष के पार्षद मोती गंगवानी ने स्मार्ट सिटी स्कूल में चोरी की घटना पर बवाल करते हुए इस्तीफे की धमकी दे दी।

कांग्रेस पार्षद गायत्री साहू पर दर्ज FIR ही विवाद का बड़ा कारण बना। गायत्री साहू ने कहा, “क्या जनता की मांग रखना गुनाह है कि मेरे खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई?” सभापति विनोद सोनी ने निगम प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि 35 साल की राजनीतिक यात्रा में उन्होंने पहली बार ऐसा मामला देखा है। उन्होंने आयुक्त से इस तरह की कार्रवाई पर सावधानी बरतने की बात कही।

सिर्फ 25 मिनट में 38 नियमित और 7 अतिरिक्त प्रस्ताव मंजूर किए गए। कुल 38 एजेंडों में से 27 जाति प्रमाणपत्र से जुड़े थे, जबकि बाकी प्रस्ताव शहर के विभिन्न इलाकों में विकास कार्यों से संबंधित थे। कुल मिलाकर, सामान्य सभा की बैठक में काम से ज्यादा कोहराम और आरोप-प्रत्यारोप सुर्खियों में रहे।