पुराना बस स्टैंड बना नशे का गढ़ अवैध चखना दुकानों का बोलबाला..आबकारी और पुलिस है मौन..व्यापारियों व स्थानीय नागरिकों में आक्रोश का माहौल..

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बिलासपुर :- शहर का पुराना बस स्टैंड इलाका आज अवैध गतिविधियों का पर्याय बन चुका है। एक समय जहां यह क्षेत्र यात्रियों और व्यापारियों की आवाजाही से गुलजार रहता था,वहीं अब यहाँ खुलेआम नशे का कारोबार और अवैध चखना दुकानों की भरमार देखने को मिल रही है। क्षेत्र के लोग अब इसे “नशे का अड्डा” कहकर पुकारने लगे हैं।



आबकारी अधिनियम के अनुसार, किसी भी अधिकृत शराब दुकान से 50 मीटर की परिधि में चखना दुकान या शराब सेवन स्थल संचालित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। मगर पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में यह नियम खुलेआम तोड़ा जा रहा है। दुकानदार बेखौफ तरीके से शराबियों को जगह-जगह बैठाकर चखना बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं हो सकता।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इन दुकानों के चलते शाम ढलते ही यह क्षेत्र हुड़दंगियों और नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। आए दिन शराब के नशे में झगड़े,तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएँ होती रहती हैं। कई बार चाकूबाजी और गंभीर हिंसा तक के मामले सामने आ चुके हैं,लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

नगर निगम ने कुछ समय पहले रेन बसेरा की दीवारें तोड़ दी थीं,जिसके बाद वहाँ खाली पड़ी जगह पर शराबियों ने स्थायी अड्डा बना लिया। अब यह इलाका दिन में भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। भगत लॉज के नीचे स्थित व्यापारियों ने बताया कि नशेड़ियों के आतंक से उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है — ग्राहक अब इस रास्ते से गुजरना भी पसंद नहीं करते।



वहीं,स्थानीय युवाओं और अभिभावकों ने बताया कि अब यहाँ सिर्फ शराब ही नहीं,बल्कि गांजा,नाइट्रा टैबलेट,कफ सिरप और अन्य नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कार्रवाई न होने से लोग अब निराश हैं। “अगर आबकारी और पुलिस विभाग चाहें तो 24 घंटे के भीतर ये दुकानें बंद हो सकती हैं,लेकिन विभागीय संरक्षण के चलते यह धंधा लगातार चल रहा है,” एक व्यापारी ने नाराजगी जताई। शहर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि प्रशासन यदि समय रहते कदम नहीं उठाएगा तो यह क्षेत्र कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

हालांकि पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने हाल के दिनों में नशे के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं,लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर अभी तक नज़र नहीं आ रहा। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन,पुलिस और आबकारी विभाग से तत्काल संयुक्त कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि पुराने बस स्टैंड क्षेत्र की साख बचाने के लिए आवश्यक है कि यहाँ से अवैध दुकानों,नशे के अड्डों और असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द हटाया जाए।

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