सिंधी समाज की 4 कन्याओं का भी वैदिक रीति से हुआ (उपनयन) जनेऊ संस्कार…

ब्यूरो चिप ,रंजीत खनूजा की खास रिपोर्ट

सिंधी समाज की 4 कन्याओं का भी वैदिक रीति से हुआ (उपनयन) जनेऊ संस्कार

आर्य समाज बहतराई रोड के अध्यक्ष आर्य रूपलाल चावला जी के परिवार की चार बेटियों और दो बेटों का उपनयन ( जनेऊ) संस्कार पूर्ण वैदिक रीति रिवाज से किया गया l आचार्य जयदेव शास्त्री जी बिलासपुर और आचार्य पंडित कुलदीप विद्यार्थी जी बिजनौर दोनों आचार्यों के ब्रह्मत्व में यह कार्य संपन्न हुआ ।

आचार्य जयदेव जी ने बताया कि हमारे सनातन वैदिक परंपराओं में बालक और बालिकाएं दोनों को समान अधिकार और सामान कर्तव्य बताया गया है जैसे पढ़ने का अधिकार सबको है लड़के और लड़कियों का भी वैसे ही संस्कारों का अधिकार भी सभी का है रूपलाल चावला जी ने इसको दृष्टि में रखते हुए बालिकाओं का भी विधि-विधान से उपनयन (जनेऊ) संस्कार संपन्न करवाया गया आचार्य जी ने कहा कि जैसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का अधिकार पुरुषों का है वैसे ही महिलाओं का भी है हमारी आर्य वैदिक परंपराओं में संस्कारों का बड़ा महत्व रहा है संस्कारों से ही संस्कृति जीवित रहती है

पंडित कुलदीप विद्यार्थी जी ने भजन और उपदेश के माध्यम से कहा कि अगर संस्कृति जीवित रखती है तो संस्कारों को महत्व देना ही होगा इस कार्यक्रम में लगभग 450 महिला पुरुषों की उपस्थिति रही सभी ने इस कार्य की बड़ी सराहना की और कई लोगों ने संकल्प लिया कि हम भी अपनी बेटियों का संस्कार वैदिक रीति से करवाएंगे आचार्य जयदेव जी ने बताया कि कुछ काल ऐसा आया जिसमें महिलाओं को भेद- भाव की दृष्टि से देखा जाता था महिला और पुरुषों के इस भेदभाव को मिटा करके महिलाओं पुरुषों की बराबरी करना और हमारी खोई हुई वैदिक परंपराओं को पुनः जागृत करने के संकल्प से आर्य समाज बहतराई रोड इस कार्य को बड़े ही जोर-शोर से कर रहा है घर-घर हवन हर घर सत्संग का कार्यक्रम चला रखा है इसी से संकल्पित होकर के आर्य समाज बहतराई रोड के अध्यक्ष रूपलाल चावला जी ने यह पहल की है और लोगों को अवगत कराया की वैदिक संस्कारों को महत्व देना ही पड़ेगा, अगर संस्कृति को बचाना है तो, रूपलाल चावला जी ने करके दिखाया जो समाज का मुखिया होता है उसको पहले आगे चलना होता है तब वह जनता को चलने के लिए प्रेरित कर सकता है तो आर्य रूपलाल चावला जी बधाई के पात्र है और दुनिया को प्रेरणा देने वाले साबित हुए हैं इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए
सुलोचना चावला नंदलाल चावला आशीर्वाद चावला अमर चावला अलका चावला
पूरे चावला परिवार के साथ आर्य समाज बहतराई रोड के सभी पदाधिकारी और सदस्य गण कार्यकर्ता के रूप में हर समय संलग्न रहे और कार्य को सफल बनाने में सहयोग दिया

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