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प्रयागराज। महाकुंभ संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) आस्था और उल्लास के साथ शुरू हुआ। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं और साधु-संतों का संगम तट पर जुटना शुरू हो गया। सुबह 10 बजे तक 1.38 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके थे। दिनभर में यह संख्या 5 करोड़ से भी ज्यादा तक पहुंचने की उम्मीद है।
13 अखाड़ों ने किया शाही स्नान

पहले अमृत स्नान की शुरुआत 13 अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा शाही स्नान से हुई। हर अखाड़े को अमृत स्नान के लिए 30 से 40 मिनट का समय दिया गया। शाही अंदाज में पहुंचे नागा साधुओं और अन्य संतों ने अपने अखाड़ों के झंडे, शंखनाद और जयघोष के साथ पवित्र संगम में डुबकी लगाई। शाही स्नान के बाद संगम तट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया।

संगम तट पर आस्था का उत्सव
संगम के तट पर आज आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर ओर श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाते और अपने पापों से मुक्ति की प्रार्थना करते नजर आए। संगम में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तट पर पूजा-अर्चना की और दान-पुण्य किया।
कुंभ में व्यवस्थाओं की सराहना

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। संगम तट पर सफाई, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन की श्रद्धालु और साधु-संत सराहना कर रहे हैं। पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण में मुस्तैद हैं।
आस्था का मेला रहेगा जारी
महाकुंभ के दौरान 6 मुख्य स्नान तिथियां हैं। पहला अमृत स्नान है, जबकि अगला स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर आज रहेगा