सेंट विसेंट पलोटी स्कूल विस्फोट कांड का हुआ खुलासा,शिक्षिका से बदला लेने छात्रों ने घटना को दिया था अंजाम…

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बिलासपुर। शुक्रवार को सेंट विसेंट पलोटी स्कूल में हुए विस्फोट कांड ने शिक्षा जगत में सनसनी फैला दी है। इस हादसे में चौथी कक्षा की एक मासूम छात्रा गंभीर रूप से झुलस गई थी। प्रारंभिक जांच में इसे एक दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में चौंकाने वाला सच सामने आया है। इस पूरे मामले के पीछे आठवीं कक्षा के दो छात्र और तीन छात्राओं की खौफनाक साजिश का खुलासा हुआ है।

स्कूल प्रबंधन ने की कार्रवाई..
स्कूल प्रबंधन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपी छात्रों के निष्कासन की कार्रवाई की है। घटना के बाद स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है।

कैसे हुआ खुलासा?
सिविल लाइन पुलिस की गहन जांच और पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि यह विस्फोट एक शिक्षिका से बदला लेने के लिए किया गया था। पूछताछ और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर आठवीं कक्षा के छात्रों ने यह कबूल किया कि उन्होंने शिक्षिका को निशाना बनाते हुए यह साजिश रची थी।

ऑनलाइन ऑर्डर किया गया था सोडियम
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी छात्रों ने पटना से ऑनलाइन सोडियम मंगाया था। यह विस्फोट उसी सोडियम से हुआ, जिसे बाथरूम में रखा गया था। दुर्भाग्यवश, इस साजिश में निर्दोष चौथी कक्षा की 10 वर्षीय छात्रा झुलस गई। पुलिस अब आरोपी छात्रों के मोबाइल फोन की भी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी मात्रा में सोडियम मंगाया गया था और इसका स्रोत क्या था।

आरोपियों को बाल न्यायालय में पेश किया गया
सिविल लाइन पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी छात्रों को बाल न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया। इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।

क्या हो रहा निजी स्कूलों में?
यह घटना एक गंभीर सवाल उठाती है—क्या निजी स्कूलों में शिक्षा और संस्कार की जगह अब षड्यंत्र और अपराध पनप रहे हैं? लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि स्कूलों में अनुशासन और नैतिक शिक्षा की कमी हो रही है। यह शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस घटना के बाद अभिभावकों और शिक्षकों को यह सोचना होगा कि बच्चों में ऐसी मानसिकता क्यों विकसित हो रही है। प्रशासन को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। बच्चों को सही मार्गदर्शन और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देना अब पहले से अधिक आवश्यक हो गया है।

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