जिले में भू-जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन..कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि “पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं बल्कि जीवन का आधार है।…

संवाददाता श्रवण कुमार वर्मा की रिपोर्ट

बिलासपुर / जिले में भू-जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। समापन अवसर पर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि “पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं बल्कि जीवन का आधार है। जिस गति से भू-जल का दोहन हो रहा है, वह भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। यदि अभी से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो जल संकट और विकराल रूप ले सकता है।”

कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा किया गया, जिसमें रिजनल डायरेक्टर डॉ. प्रवीर के. नायक (सीजीडब्ल्यूबी रायपुर) ने भू-जल संरक्षण पर तकनीकी जानकारी दी। कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल सहित संभाग के सभी जिलों के सीईओ भी उपस्थित रहे।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बताया कि जिले में “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत कच्चा नाला बंधान, सोख्ता गड्ढा, रिचार्ज पिट, इंजेक्शन वेल और डिफेक्ट बोर वेल जैसे नवाचार अपनाए गए हैं। एक ही दिन में 40 हजार सोकपिट बनाए गए। जल संरक्षण को लेकर गांव-गांव में अब तक 486 जनजागरूकता रैलियां निकाली जा चुकी हैं।

विशेषज्ञों ने वर्षा जल संचयन, भू-जल रिचार्ज और संरक्षण के व्यावहारिक उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त वर्षा होती है, जिसे यदि संरक्षित किया जाए तो जल संकट से बचा जा सकता है।

कार्यशाला में जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, विभागीय अभियंता, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्धजन शामिल हुए। समापन अवसर पर जनभागीदारी से जल संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की अपील की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *