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छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर बड़ा अब डेट देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रदेश सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए 31 जुलाई 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। यह हड़ताल प्रदेश के समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों द्वारा संभाग मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन के रूप में की जाएगी।संघ ने 17 जुलाई को शासन को 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था। इन मांगों में प्रशासनिक, तकनीकी व सुरक्षा संसाधनों की उपलब्धता, न्यायिक प्रक्रिया में संरक्षण, कार्य संतुलन, और सेवा शर्तों में सुधार जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। संघ ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत 28 जुलाई को जिला स्तर पर, 29 जुलाई को संभाग स्तर पर, 30 जुलाई को राज्य स्तर पर सभी राजस्व अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। लेकिन अत्यंत खेदजनक है कि अब तक शासन की ओर से किसी भी प्रकार की वार्ता या सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसलिये संघ की समस्त जिला कार्यकारिणियों के सामूहिक निर्णय के आधार पर 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जा रही है।

यह आंदोलन केवल अधिकारों की पुन:स्थापना और प्रशासनिक गरिमा की रक्षा हेतु है:संघ

संघ ने एक बार फिर शासन से आग्रह किया है कि वह तत्काल संवाद की पहल कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करे, अन्यथा यह हड़ताल आगे भी प्रभावी रूप से जारी रहेगी।
यह हड़ताल कोई विद्रोह नहीं, बल्कि हमारे अधिकारों की पुनःस्थापना और प्रशासनिक गरिमा की रक्षा का आंदोलन है। यदि शासन अब भी संवाद से बचता है, तो हम अपने लोकतांत्रिक दायरे में रहकर आंदोलन को और व्यापक करेंगे।हम अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे है।तहसीलदार संघ