बिलासपुर के साइंस कॉलेल मैदान में रावण दहन को लेकर बड़ा विवाद.. अरपांचल लोक मंच ने जताई नाराजगी.. सर्व हिंदू समाज के लोग उतरे सड़क पर…

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बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दशहरा उत्सव को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। साइंस कॉलेज मैदान में हर साल की तरह इस साल भी रावण दहन का आयोजन होना था, लेकिन इस बार प्रशासन ने अरपांचल लोक मंच समिति को अनुमति देने से इंकार कर दिया। इससे नाराज़ होकर समिति और सर्व हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

सोमवार को भारी बारिश के बीच भी बड़ी संख्या में लोग नूतन चौक से रैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे। रैली के दौरान लोग “राम नाम” के भजन गाते और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए महामाया चौक और नेहरू चौक से गुजरते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां लोगों ने जमीन पर बैठकर भजन-कीर्तन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह आयोजन पिछले पाँच सालों से लगातार साइंस कॉलेज मैदान में होता आ रहा है और अब यह परंपरा बन चुकी है। अरपांचल लोक मंच समिति के अध्यक्ष सुधांशु मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्होंने समय पर आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने उसे रद्द कर दिया और किसी बाहरी व्यक्ति को अनुमति दे दी। समिति का कहना है कि यह सरासर अन्याय और नियमों की अनदेखी है।

सुधांशु मिश्रा ने बताया कि मंच पूरी तरह से गैर-राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था है। अब तक उनके आयोजनों में किसी तरह की अव्यवस्था या शिकायत नहीं हुई है। ऐसे में अचानक अनुमति रद्द कर देना और किसी नए व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपना पारंपरिक आयोजकों के साथ भेदभाव है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन का यह रवैया धार्मिक परंपराओं और जनभावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है।

समिति का यह भी कहना है कि विजयादशमी का उत्सव सिर्फ धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि सामूहिक संस्कृति और परंपरा से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में पारंपरिक आयोजकों को नजरअंदाज करना सामाजिक असंतोष और अव्यवस्था को जन्म दे सकता है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने साफ चेतावनी दी कि यदि मैदान उन्हें वापस नहीं दिया गया तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।

इस पूरे मामले पर कलेक्टर ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों की बात सुनी जाएगी और उसके बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा। कलेक्टर का कहना है कि प्रशासन का मकसद परंपरा और जनभावनाओं का सम्मान बनाए रखना है, इसलिए किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संबंधित विभाग से चर्चा कर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।

बिलासपुर में दशहरा आयोजन को लेकर छिड़ा यह विवाद अब और भी तेज नजर आ रहा है। लोगों की निगाहें प्रशासन के फैसले पर टिकी हैं कि आखिर इस बार साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन किस संगठन को करने दिया जाएगा। परंपरा और आस्था से जुड़े इस आयोजन को लेकर शहर का माहौल फिलहाल गरम है और सभी अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

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