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बिलासपुर (वन भारत नेशनल न्यूज़)। गावों में निस्तार के लिए आरक्षित भूमि के निजी भूमि स्वामी हक के रूप में तब्दील किए जाने के मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस संबंध में मिली शिकायत के आधार पर इसे टीएल पंजी में दर्ज कर चारों एसडीएम से घटना की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कलेक्टर अवनीश शरण ने टीएल बैठक में राज्य सरकार के प्राथमिकता वाली योजनाओं और लंबित महत्वपूर्ण मामलों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, डीएफओ सत्यदेव शर्मा, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित विभागीय जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
निस्तारी भूमि कैसे बदल गई निजी भूमि में, होगी जांच…

कलेक्टर के निर्देश पर कोटा राजस्व अनुविभागीय अधिकारी ने निस्तार भूमि के संबंध में जांच शुरू कर दी है। कोटा तहसील में 507 में से 163 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया गया है। बेलगहना में 1545 में से 862 तथा रतनपुर में 210 में से 196 का प्रकरण दर्ज कर संबंधितों को नोटिस जारी किया जा रहा है। निस्तार पत्रक से पृथक होकर निजी भूमि स्वामी के रूप में दर्ज पक्षकारों से जानकारी लिया जायेगा कि निस्तार पत्रक में दर्ज भूमि, भूमिस्वामी हक में किस आदेश के तहत दर्ज किया गया है। इसी तरह की कार्रवाई तखतपुर, मस्तुरी एवं बिल्हा के अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि निस्तार भूमि के अंतर्गत गांवों में चारागाह, घास भूमि, कब्रस्तान, श्मशान भूमि, गोठान, खलिहान, बाजार, खाद के गड्ढे, धरसा, तालाब आदि की भूमि शामिल हैं। ये गांव की सामूहिक उपयोग की भूमि होते हैं। किसी निजी व्यक्ति के भूमि स्वामी हक में इसे दर्ज नहीं किया जा सकता है।
कृषि विभाग के 4 एसएडीओ को नोटिस …
कलेक्टर ने बैठक में एग्री स्टेक योजना के तहत किसान पंजीयन की प्रगति की भी समीक्षा की। पंजीयन कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं आने पर नाराजगी जाहिर की। कृषि विभाग के अधिकारी इसे राजस्व विभाग का काम समझकर इसके प्रति उपेक्षा भाव रखे हुए हैं। कलेक्टर ने जिले के सभी चारों विकासखण्ड के एस एडीओ को शोकॉज नोटिस जारी किए। उन्होंने प्रति आर एईओ प्रति दिन 100 का लक्ष्य पूर्ण करने और 25 मार्च तक जिले का सम्पूर्ण लlक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। जिन एस एडीओ को नोटिस जारी किया गया है, उनमें बिल्हा एस एडीओ आरएस गौतम, तखतपुर एस एडीओ एके सत्यपाल, मस्तुरी एस एडीओ एके आहिरे एवं कोटा एस एडीओ रामावतार साहू शामिल हैं। तीन दिन में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।