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रायपुर 11 जून 2025:-सुकमा जिले में हाल ही में हुए नक्सली हमले में एडिशनल एसपी आकाश राव गिरपुंजे की शहादत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। वे छत्तीसगढ़ स्टेट पुलिस सर्विस के अधिकारी थे और नक्सल ऑपरेशनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। नक्सलियों के ऑपरेशन सफाया में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा था पर इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बस्तर संभाग (में कई आईपीएस अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।

राज्य शासन ने 2021 बैच के आठ आईपीएस अधिकारियों की नवीन पदस्थापना करते हुए उन्हें सीधे एएसपी (ऑप्स) पदों पर बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। यह पहली बार है जब राज्य पुलिस सेवा (SPS) के बजाय इन पदों पर सीधे आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।

सुकमा के कोन्टा इलाके में हुए घातक नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे की शहादत के महज 24 घंटे बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल मोर्चे पर रणनीतिक पुनर्संरचना करते हुए बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। बस्तर के संवेदनशील जिलों में ऑपरेशनल जिम्मेदारी अब युवा और प्रशिक्षित आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई है।
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लंबे समय से चल रहा है, लेकिन एएसपी गिरेपुंजे की शहादत ने प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जमीनी स्तर पर रणनीति को और प्रभावी बनाने की ज़रूरत है। आईईडी विस्फोट जैसे हमले यह स्पष्ट करते हैं कि बस्तर मोर्चे पर अब ज्यादा ऊर्जा, आक्रामकता और प्रशिक्षित नेतृत्व की आवश्यकता है।
इस निर्णय को “सरकार की नक्सल नीति में निर्णायक बदलाव “के रूप में देखा जा रहा है। यह बदलाव दर्शाता है कि अब ऑपरेशनल नेतृत्व उन अधिकारियों को सौंपा जाएगा जो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से चयनित होकर विशेष प्रशिक्षण से गुजरे हैं।
