शोधार्थी रूपेंद्र तिवारी को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा पीएचडी की उपाधि

ब्यूरो रिपोर्ट अश्वनी अग्रवाल

शोधार्थी रूपेंद्र तिवारी को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा पीएचडी की उपाधि

संस्कृत में शोधकार्य करने वाले रूपेंद्र तिवारी को पीएचडी की उपाधि

लोरमी। मुंगेली जिले के रहंगी गांव के रहने वाले रूपेंद्र कुमार तिवारी पिता राधेश्याम तिवारी ने संस्कृत में पीएचडी प्राप्त कर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। यह उपाधि उन्हे संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रथम दीक्षांत समारोह में जो कि यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर द्वारका सेक्टर 25 के ब्रह्म कमल सभागार में आयोजित किया गया, वहां मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में प्रदान किया गया। इस दौरान उनका शोध विषय “पं. सुन्दरलाल शर्मणः छत्तीसगढ़ी पद्यकाव्येषु संस्कृतसाहित्यस्य प्रभावः” रहा। इस सफलता का श्रेय डॉ. तिवारी ने अपने परिवार एवं गुरुजनों को दिया है।

डॉ. तिवारी वर्तमान में डी. ए. व्ही. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, कोतरी में संस्कृत आचार्य के रूप में पदस्थ हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारे मौलिक ग्रंथ संस्कृत में हैं, उनमें वर्णित ज्ञान परंपरा तभी सामने आ सकती है जब संस्कृत में अध्ययन हो, शोधकार्य हो। डॉ. तिवारी द्वारा पीएचडी के लिए संस्कृत भाषा का चयन करना उत्साहवर्धक तो है ही साथ ही संस्कृत के क्षेत्र में संभावनाओं को भी रेखांकित करता है।

अतः इस गुदड़ी के लाल के इस अतुलनीय और विशेष उपलब्धि न केवल रहंगी गांव गौरांवित है बल्कि पूरा समूचा मुंगेली जिला गौरांवित है।अतः उनकी उनकी अथक परिश्रम से अर्जित की इस उपलब्धि के ग्राम पंचायत रहंगी के सरपंच गोकुल मेलन साहु ,रोहित शर्मा ,हेमलाल तिवारी,शिक्षक अभिजीत तिवारी , अभिषेक शर्मा ,कृष्ण कुमार यादव,रामेश्वर साहु ,भगवान सिंह पोर्ते,यश कुमार साहू ,राकेश कुमार श्रीवास,राजकुमार श्रीवास नेहरू बुनकर सभी ने बहुत बहुत सारी शुभकामनाएं प्रेषित की है।इससे पूरे गांव में हर्षोल्लास का माहौल है।

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